Here I am not here about to criticize any community or socio - political group, i want to say that isnt it enough, now shouldn't we end this kind of things that India and Pakistan both have same interest against terrorism , The can defeat it only if they r together. But here is the question with whom we want to stand , with the nation whose intention is just to destroy India. And what we expect from that ? we think that will help us in investigation. great
Sawarna Bharat
SAWARN BHARAT BHARAT KLI ASLI PAHCHAN
शनिवार, 16 जुलाई 2011
Mumbai attacks
Again Mumbai has been stroked ,and our innocent government has promised enough things again. opposition has criticized government over it., Media has made a lot of money again, public has cried enough , Neighbors have enjoyed enough. now what , is the drama over ? or some scenes r left.
रविवार, 5 दिसंबर 2010
hindutva
Praveen Togadia
when he roars the anti National communities get feared and start to shiver he is the Lion of HindutvaEarly life
Praveen TogadiaPraveen Togadia is an oncologist from Gujarat, India, and the International General Secretary of the Vishva Hindu Parishad(VHP), a major Hindutva organization advocating for a Hindu Rashtra in India. A Saurashtrian Patel-a caste identity he shares with Keshubhai Patel, former Gujrat chief minister-and son of a marginal farmer,Togadia came to Ahmedabad to study. He lived in a chawl but excelled in the classroom. This Caught the attention of his school principal who, being an RSS worker, began the youth's association with Sangh.
रविवार, 8 अगस्त 2010
हिंदी हिन्दू हिंदुस्तान
पाठकों कल मै एक कथा में गया ,धार्मिक अनुष्टान के प्रति सभी के मन श्रृद्धा से ओत -प्रोत थे बच्चों में कथा के बाद मिलने वाले प्रसाद को लेकर विशेष उत्साह था। कथा समाप्ति की ओर थी और पंडित जी ने बोलना शुरू किया , बोलो सत्यनारायण भगवान की जय ,शंकर भगवान की जय , गणेश जी की जय , ओंर अंत में भारत माता की जय । वास्तव में ये अंतिम जय- कर बहुत विशेष थी ,इस जय-कर ने जैसे मेरे मन में विचारों का सैलाब ला दिया एक तरफ हिन्दू धार्मिक अनुष्टान जिसने भारत के अस्तित्व को अपने इश्वेरों और देवताओं सा महत्व और सम्मान देते और दूसरी तरफ भारत में के मुसलमानों को वेंदेमात्रम बोलने में अपने धर्म विरोधी हो जाने का दर सताता है और उनके मुल्ला मोलवी हमारे राष्ट्र- गीतों को धरम विरोधी बताते रहतें है । कितना अंतर है दोनों धर्मों में पर हमारे अंधे सेकुलर नेताओं को इस्लाम से ज्यादा सभ्य और शांत राष्ट्रप्रेमी समाज नहीं दिखाई देता हर रोज हमारे जवानों को कश्मीर में उनकी इस भूल की कीमत चुकानी पड़ रही hai
रविवार, 4 जुलाई 2010
मूल्य वृद्धि
विपक्ष की भारत बंद की प्रतिक्रिया में मुरली देवरा का बड़ा मासूम बयान आया ,'विपक्ष आम जनता को महंगाई के मुद्दे पर गुमराह कर रहा है , सर्कार ने पट्रोल और डीज़ल की कीमतों में जो वृद्धि की है उसका बहुत की मामूली असर आम जनता पर पड़ेगा जैसे पट्रोल पर आम आदमी को शायद ही एक रुपया प्रतिदिन ही ज्यादा भुगतान करना होगा । इसी प्रकार रसोई गैस की कीमतों में जो ३५ रुपये की बढ़ोतरी की गयी है उसका असर प्रति परिवार एक रूपये ही होगा । मंत्री जी की बातों पर भोरासा करने को दिल चाहा और हमने बंद की ओर कोई खास धयान नहीं दिया , पर जब अगली सुबह मै बाजार निकला तो चारो सबसे पहले दूध की थैली पर एक रुपया बढ़ा हुआ पाया ,ये तो बस शुरुआत थी बाद में चावल का दाम बढ़ा हुआ पाया । और क्या कहें हमारी सरकार की कृपा से रोज के खर्चे में मात्र १०-१२ रूपये की बढ़ोतरी हुई है ।
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